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संकल्प का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, शायद हम यह बात भूल जाते है।
संकल्प हमे एक साधारण मनुष्य से हटाकर एक ऊर्जावान मनुष्य बनाता है, संकल्प पूरा होते ही हमारे भीतर एक नयी उमंग का जन्म होता है उस उमंग के साथ हमारे भीतर ऊर्जा बढ़ती है और उस ऊर्जा के साथ हमारा आत्मविश्वास। जैसे-जैसे हम अपने संकल्प पूरा करते जाते है वैसे-वैसे हमे नयी ताजगी का अनुभव होने लगता है, हमारा चित प्रसन्न रहने लगता है।
हर कार्य के लिए हम तत्पर रहते है हर कार्य के प्रति आत्विश्वास बनता है की हा में यह कर सकता हु।
जब हम आत्मवान होंगे तो हर कार्य सम्भव होंगे ही।
कार्य सभी आसान है पर संकल्प मुश्किल।
क्यों ?
संकल्प चुनौती है मन के लिए।
हमेसा से हम मन के साथ जीते आए है, कुछ कार्य किया तो जब तक मन उसमे लगा तो तब तक उस कार्य को ख़ुशी से करते रहे और जब मन दूसरी तरफ भागा तो उस कार्य को दुःख की भावना से करते रहे जैसे कोई जबरदस्ती पकड़ कर हमे यह कार्य करा रहा हो।
संकल्प एक चुनौती है मन के लिए जैसे-जैसे आप संकल्प को पूरा करते जायेंगे वैसे-वैसे मन कमजोर होता जायेगा, तब मन कहेगा की अब यह मनुष्य मेरे बस में नहीं आने वाला है।
अधिकतर लोग नए साल पर संकल्प करते है की हम ऐसा करेंगे वैसा करेंगे, एक महीने तक सचेत रहते है संकल्प के प्रति परन्तु उसके बाद कमजोर पड़ने लग जाते है भूल ही जाते संकल्प को।
अगर जीवन में आत्मवान बनना है मन पर विजयी पानी है तो सीधा बड़े संकल्पो की तरफ कूदने की जरुरत नहीं है।
पहले छोटे-छोटे संकल्प करे उनसे आपके भीतर ऊर्जा बढ़ेगी, यह छोटे संकल्प के प्रयोग आप अपने दैनिक जीवन में कर सकते हो, जैसे की आप रोज शाम को छत पर टहलते हो तो इतना ही संकल्प करे की में छत पर टहल रहा हु जब तक में छत पर हु निचे सड़क पर बिलकुल नहीं देखूंगा, या 60 मिनट एक जगह खाली बैठ जाये की 60 मिनट तक में यहां बैठा रहुगा, या सुबह -शाम बहार टहलने जाते है तो इतना संकल्प ले ले की सड़क पर लगे बोर्ड में नहीं पडूंगा ।
जब आप यह संकल्प लेंगे तब ध्यान से देखियेगा की आप का मन ताकत लगायेगा आपके संकल्प को तोड़ने के लिए।
आप 60 मिनट खाली बैठे तो बदन में खुजली और पैर दर्द वगेरा होने लगेगा। अगर संकल्प किया की छत से निचे नहीं देखूगा तो भीतर इतने ख्याल आएंगे की निचे सड़क पर देखने के लिए एक अलग बेचैनी होगी की कोई हीरा निचे पड़ा हो, जैसे आपने कभी सड़क देखी ना हो।
अगर आप संकल्प करते हे की सड़क पर लगे बोर्ड नहीं पडूंगा तो आँखे जबरन ही उन बोर्ड की तरफ भागेगी।
ऐसे ही छोटे-छोटे संकल्प जब पूरा करेंगे तो हम एक ऊर्जावान व्यक्ति होंगे हमारे भीतर ऊर्जा बढ़ेगी।
2 हफ्ते ऐसे छोटे-छोटे संकल्प करके देखिये तो आप दो हफ्तों के बाद अपने आपको अलग मनुष्य पाएंगे।
इन छोटे संकल्पो के बाद जब आपको लगे की हां अब बड़े संकल्प में कर सकता हु तब बड़े संकल्प लीजिये।
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